Artist of emotions - Manish Kumar
मनीष कुमार (मनप्रीत सिंह ) . शिक्षा =आर. बी. एस. कॉलेज से हिन्दी में बी. ए
एम.ए . नाटक का सफर =साल 2013 में इप्टा आगरा के साथ सफर शुरू हुआ। सर जितेंद्र
रघुवंशी के सनिध्य मे नुक्कड़ नाटक,ताज महोत्सव, कहानियों का मंचन, इ्प्टा के गीत,
एवं अन्य लोक कलाओ का ज्ञान व महत्व एवं बरीकियाँ जानी . कॉलेज मे युवा महोत्सव के
अन्तर्गत मोनो एकट, मिमीक्री माइम आदि मे प्रतिभाग कर North zone inter university
festival,में शामिल हुऐ और स्थान प्राप्त किये नाटक =किस्से आगरे के, अंधा युग,
रामलीला,जिस लाहौर नई देख्या, ओ जम्याई नई ,शम्बूक, राई, सद़गती, किस्सा एक अजनबी
लाश का, पाँकिट मार रँगमंडल, . नुक्कड़ =52 सेकंड का उदघोष ,सुनो सुनो ..सुनो,
स्वच्छता का महत्व, . एकल अभिनय =अश्वत्थामा(अंधायुग), त़ुगलक, संजय (अंधायुग), .
माईम =Save Trees, Stop harassing, Drunk Man And a Little Boy ,
मनीष जी को आप अगर नहीं जानते हैं तो मैं आप को बता दूँ की ये वो नाम हैं जो आने वाले समय में आप को बुलंदियों पर मिलने वाला है। मनीष हमारी आप की तरह ही कला के साधक है और कला को जी रहे हैं। जीवन और कला के बीच संघर्ष करता ये कलाकार अभिनय की दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है,
बांसुरी पर उंगलियां धरे आँखे मूंदे ये बांसुरीवादक यदि मच पर अपने भाव
भंगिमाओं से किसी किरदार को जीता हुवा मिल जाये तो ताज्जुब बिलकुल न करें क्युकी
मनीष इन दोनों विधाओं में पारंगत हैं। मैं मनीष जे के सुन्दर भविष्य की कामना करता हूँ। साथ ही
यह प्रार्थना करता हूँ कि कला की साधना करने वालों को कला की देवी खूब नाम दे खूब
तरक्की दे। Ashish Mohan Maqtool
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